गुरु ग्रंथ साहिब से बेअदबी के बाद गिर गई थी भाजपा-अकाली सरकार, जानिए बेअदबी कानून और इसका इतिहास
सिखों के सबसे बड़े धर्मस्थल स्वर्ण मंदिर में शनिवार को एक युवक ने श्रीसाहिब (कृपाण) उठा ली। लोगों ने उसे पकड़ लिया और बेअदबी के आरोप में पीट-पीटकर मार डाला। अगले दिन कपूरथला के एक गुरुद्वारे में ऐसे ही आरोप लगाकर एक युवक को मार दिया गया। इससे पहले दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर लखबीर सिंह नाम के एक शख्स की हत्या बेअदबी के आरोप में हुई थी।
बेअदबी के मामलों में 'ऑन स्पॉट' सजा का चलन बढ़ता जा रहा है। भास्कर इंडेप्थ में आज बेअदबी से जुड़े इन 6 सवालों के जवाब…
1. सिख धर्म में बेअदबी का मतलब क्या है?
2. सिख धर्म में बेअदबी का इतिहास क्या है?
3. बेअदबी कैसे एक राजनीतिक मुद्दा बन जाता है?
4. धर्म से बेअदबी के मामले में कानून क्या कहता है?
5. बेअदबी से जुड़ा कानून और उस पर क्या विवाद है?
6. बेअदबी से जुड़ा डेटा क्या तस्वीर बयां कर रहा है?
आपको ये बताने की भी कोशिश करेंगे कि बेअदबी के आरोपी की हत्या करने वालों के साथ क्या होता है? चलिए शुरू करते हैं...
सिख धर्म में बेअदबी का मतलब क्या है?
दिप्रिंट से बात करते हुए पंजाबी यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रोफेसर धरम सिंह का कहना है कि गुरु गोविंद सिंह ने अपनी सारी शक्तियां गुरु ग्रंथ साहिब में समाहित कर दी थी। इसी वजह से सिख धर्म में गुरु ग्रंथ साहिब को गुरु की उपाधि दी गई है। गुरु ग्रंथ साहिब को लिविंग गुरु (हमेशा के लिए अमर) माना गया है। इस ग्रंथ को गुरु का दर्जा मिला है तो जैसे गुरु का अपमान करना अपराध है। वैसे ही गुरु ग्रंथ साहिब का अपमान करना भी अपराध होता है।
गुरु ग्रंथ साहिब जहां रखी जाती है, उस पवित्र गुरुद्वारे को नुकसान पहुंचाना भी बेअदबी है। गुरु गोविंद सिंह कृपाण रखते थे और पगड़ी बांधते थे। इसलिए सिख धर्म में इन दोनों चीजों को पवित्र माना गया है। इनसे छेड़छाड़ को भी बेअदबी माना जाता है। इतना ही नहीं, गुरु गोविंद सिंह के बताए रास्ते और उनके इतिहास को किसी तरह बदलने की कोशिश करना भी बेअदबी माना जाता है।